tag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post3504869848396206522..comments2023-07-11T14:44:32.551+05:30Comments on काग़ज़ की नाव (मेरे गीत): "भजन-सिमट रही है पारी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')काग़ज़ की नावhttp://www.blogger.com/profile/18100116770921601447noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-6628537288885070152014-06-09T23:45:37.587+05:302014-06-09T23:45:37.587+05:30"
याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा..."<br />याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा,<br />मरने से पहले ऐ प्राणी, सच्चा पथ अपनाता जा,<br />जीवन का अवसान हो रहा, सिमट रही है पारी।<br />लेकिन नहीं जानता कोई, कब आयेगी बारी।।<br />"<br />बहुत ही प्रेरक एवं सत्य को दर्शाती हुई।Angira prasad Mauryahttps://www.blogger.com/profile/04417032943815787054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-52895499946384773642014-06-09T23:45:36.877+05:302014-06-09T23:45:36.877+05:30"
याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा..."<br />याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा,<br />मरने से पहले ऐ प्राणी, सच्चा पथ अपनाता जा,<br />जीवन का अवसान हो रहा, सिमट रही है पारी।<br />लेकिन नहीं जानता कोई, कब आयेगी बारी।।<br />"<br />बहुत ही प्रेरक एवं सत्य को दर्शाती हुई।Angira prasad Mauryahttps://www.blogger.com/profile/04417032943815787054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-83432874749755358932014-06-09T23:45:29.411+05:302014-06-09T23:45:29.411+05:30"
याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा..."<br />याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा,<br />मरने से पहले ऐ प्राणी, सच्चा पथ अपनाता जा,<br />जीवन का अवसान हो रहा, सिमट रही है पारी।<br />लेकिन नहीं जानता कोई, कब आयेगी बारी।।<br />"<br />बहुत ही प्रेरक एवं सत्य को दर्शाती हुई।Angira prasad Mauryahttps://www.blogger.com/profile/04417032943815787054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-7077229989846301002014-06-09T23:44:24.697+05:302014-06-09T23:44:24.697+05:30"
याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा..."<br />याद करे तुझको दुनिया, तू ऐसा पुण्य कमाता जा,<br />मरने से पहले ऐ प्राणी, सच्चा पथ अपनाता जा,<br />जीवन का अवसान हो रहा, सिमट रही है पारी।<br />लेकिन नहीं जानता कोई, कब आयेगी बारी।।<br />"<br />बहुत ही प्रेरक एवं सत्य को दर्शाती हुई।Angira prasad Mauryahttps://www.blogger.com/profile/04417032943815787054noreply@blogger.com