tag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post8166490649305013585..comments2023-07-11T14:44:32.551+05:30Comments on काग़ज़ की नाव (मेरे गीत): "मधुर रक्त को, कौन राक्षस चाट रहा?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' का एक गीत)काग़ज़ की नावhttp://www.blogger.com/profile/18100116770921601447noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-29840566925848544582012-08-20T16:04:26.617+05:302012-08-20T16:04:26.617+05:30पंख कटे,'सोने की चिड़िया के ,देखो यह घायल है |...पंख कटे,'सोने की चिड़िया के ,देखो यह घायल है |<br />नाच रही वह 'नाच' व्यवस्था,टूट गयी बस पायल है ||<br />कहाँ है ख़ामी, ढूँढ न पाए,सारे खोजी ढूँढ थके -<br />इस परिवर्तन का हर भारत वासी,भैया कायल है ||देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-68088479763944090542012-08-08T09:17:40.532+05:302012-08-08T09:17:40.532+05:30बहुत सुंदर भाव !
हम खुद ही अब राक्षस हो गये हैं
प...बहुत सुंदर भाव !<br /><br />हम खुद ही अब राक्षस हो गये हैं<br />पडो़सी के घर में राक्षस ढूँड रहे हैं !!सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-76485218787248411812012-08-08T09:12:40.075+05:302012-08-08T09:12:40.075+05:30विचारणीय प्रश्न !विचारणीय प्रश्न !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-23223206445683021382012-08-08T07:56:23.212+05:302012-08-08T07:56:23.212+05:30प्रभावशाली सृजन ,समीचीन कथ्य व भाव ....आभार जी ..प्रभावशाली सृजन ,समीचीन कथ्य व भाव ....आभार जी ..udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-10671239354450191922012-08-08T07:16:04.153+05:302012-08-08T07:16:04.153+05:30राष्ट्र भावना से पल्लवित गीत जिसे आज लालू ब्रांड स...राष्ट्र भावना से पल्लवित गीत जिसे आज लालू ब्रांड सेकुलर पलीता लगा रहें हैं .संभल के रहना अपने घर में छिपे हुए लालुओं से ...<br />ram ram bhai<br /><br />मंगलवार, 7 अगस्त 2012<br /><br />भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ सेvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-10862320486906576302012-08-06T09:06:26.003+05:302012-08-06T09:06:26.003+05:30बहुत अच्छी कविता विचारणीय प्रश्नों के उत्तर खोजते ...बहुत अच्छी कविता विचारणीय प्रश्नों के उत्तर खोजते हुएRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7259733940754234509.post-66563508613140622942012-08-05T19:35:31.375+05:302012-08-05T19:35:31.375+05:30करे करिश्मा कपटमय, काबिल कृपण कृपाण ।
शिरोधार्य आद...करे करिश्मा कपटमय, काबिल कृपण कृपाण ।<br />शिरोधार्य आदेश सब, जाहिल काहिल राड़ |<br />जाहिल काहिल राड़, नहीं सुख देखा जाता |<br />कर समाज दो फाड़, शान्ति-सौहार्द मिटाता |<br />दु:शासन का काम, घसीटे द्रुपद-सुता को |<br />ताम-झाम अपमान, हवा भर जीवन फांको ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com