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Monday, 29 October 2012

"बुद्धि के प्रकार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


बुद्धि तीन प्रकार की होती है-
१- रबड़ बुद्धि
२- चमड़ा बुद्धि
३- तेलिया बुद्धि
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विचार कीजिए आप कौनसी बुद्धि के स्वामी हैं?

      रबड़ बुद्धि रबड़ की तरह होती है। उदाहरण के लिए आप रबड़ में एक सूई से सूराख कर दीजिए। सूई निकालते ही रबड़ अपने रूप में आ जाती है। सूराख किसी को दिखाई नहीं देता है। अर्थात् इस प्रकार की बुद्धि वाले व्यक्ति को कितना भी समझाइए। उसके कुछ भी पल्ले नहीं पड़ता है।
      चमड़ा बुद्धि वाले लोगों को जितना समझाओ उतना ही समझते हैं। जैसे चमड़े में सूराख करने से सूराख न तो फैलता है और न ही सिकुड़ता है।
      तेलिया बुद्धि- जैसे कि काग़ज पर एक बूंद तेल डालने से वह काफी दूर तक काग़ज पर फैल जाता है। इसी प्रकार तेलिया बुद्धि वाले लोगों को समझाने वाले का इशारा ही काफी होता है।

5 comments:

  1. रबड़ बुद्धि वाला सुखी, सोवे चादर तान |
    यही तेलिया बुद्धि है, उठा रहा अस्मान |
    उठा रहा अस्मान, कान इसके जो खींचे |
    लंगी मार गिराय, पटक के मारे नीचे |
    रविकर चमड़ा बुद्धि, सिखाया जितना जाता |
    फुर्ती से निपटाय, काम उतना कर आता ||

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  2. इधर तो कुछ भी नहीं लगता
    ना चमड़ा ना रबर ना तेल
    हवा ही हवा है कभी आती है
    चली जाती है बता जाती है
    अच्छा है थोड़ी सी भी होती है
    तब भी पूरे में फैल जाती है !

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  3. बढ़िया ! :)
    ... हमें तो लगता है, हम इन सबका मिश्रण हैं... :)) :P
    ~सादर !

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