!! शुभ-दीपावली !!
रोशनी का पर्व है, दीपक जलायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
बातियाँ नन्हें दियों की कह रहीं,
तन जलाकर वेदना को सह रहीं,
तम मिटाकर, हम उजाले को दिखायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
ज़िन्दगी को अन्न के कण ने उबारा,
धरा में धन-धान्य को फसलें उगायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
जेब में ज़र है नही तो क्या दिवाली,
मालखाना माल बिन होता है खाली,
किस तरह दावा उदर की वो बुझायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
बाँटकर मिलकर सभी खाना मिठाई,
दीप घर-घर में जलाना आज भाई,
रोज सब घर रोशनी में झिलमिलायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
बहुत सुन्दर दीप गीत |
ReplyDeleteशुभकामनायें ||
आप की प्रस्तुति तो हमेशा सुंदर रहती है
ReplyDeleteBahut pyaara geet.
ReplyDelete"दीपक जलायें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
ReplyDelete!! शुभ-दीपावली !!
रोशनी का पर्व है, दीपक जलायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
बातियाँ नन्हें दियों की कह रहीं,
तन जलाकर वेदना को सह रहीं,
तम मिटाकर, हम उजाले को दिखायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
सद्भावना है आपकी मालिक दिवाली ,
है तेल महंगा दीया खाली ,
.......बढ़िया सुकुमार भावनाओं से प्रेरित रचना .
बाँटकर मिलकर सभी खाना मिठाई,
ReplyDeleteदीप घर-घर में जलाना आज भाई,..bahut badhiya ...happy diwaali..
बातियाँ नन्हें दियों की कह रहीं,
ReplyDeleteतन जलाकर वेदना को सह रहीं,
तम मिटाकर, हम उजाले को दिखायें।
....बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
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ReplyDeleteदीपावली की अग्रिम बधाई सहित .....नीड़ को नव ज्योतियों से जगमगाने के लिए पर्व की प्रतीक्षा में ....
ReplyDeleteसादर ....
ReplyDeleteबाँटकर मिलकर सभी खाना मिठाई,
दीप घर-घर में जलाना आज भाई,
रोज सब घर रोशनी में झिलमिलायें।
नीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें
सौहाद्र का है पर्व दिवाली ,
मिलजुल के बनाए दिवाली ,
कोई घर रहे न रौशनी से खाली .
हैपी दिवाली हैपी दिवाली .
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteमन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ
दीपावली की शुभकामनायें
ReplyDeleteग्रीटिंग देखने के लिए कलिक करें |
तम मिटाकर, हम उजाले को दिखायें।
ReplyDeleteनीड़ को नव-ज्योतियों से जगमगायें।।
शुभ दीपावली । सुंदर प्रस्तुति ।
दीपावली रोशनी का पर्व होता हैं जो अंधरे को दूर कर हर तरफ़ रौशनी बिखेरता हैं.
ReplyDeleteइस दीपावली पर बहुत ही सुंदर रचना...