भारत के बालक हम भारत के भाग्य विधाता, नया राष्ट्र निर्माण करेंगे। देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।। गौतम, गाँधी, इन्दिरा जी की, हम ही तो तस्वीर हैं, हम ही भावी कर्णधार हैं, हम भारत के वीर हैं, भेद-भाव का भूत भगा कर, चारु राष्ट्र निर्माण करेंगे। देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।। चम्पा, गेन्दा, गुल-गुलाब ने, पुष्प-वाटिका महकाई, हिन्द, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में भाई-भाई, सब मिल-जुल कर आपस में, सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण करेगे। देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।। भगतसिंह, अशफाक -उल्ला की, आन न हम मिटने देगे, धर्म-मजहब की खातिर अपनी ,शान न हम मिटने देंगे, कौमी -एकता को अपना कर धवल -राष्ट्र निर्माण करेंगे। देश-प्रेम के लिए न्योछावर,हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।। दिशा-दिशा में, नगर-ग्राम में, बीज शान्ति के उपजायेंगे, विश्व शान्ति की पहल करेंगे, राष्ट्र पताका लहरायेंगे, भारत के सच्चे प्रहरी बन, स्वच्छ राष्ट्र निर्माण करेंगे । देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।। (डॉ० रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक') |
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Saturday, 4 August 2012
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' का एक गीत
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गीत,
भारत के बालक
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (05-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत बहुत ही सुन्दर रचना....
ReplyDeleteभगत सिंह अशफाकुल्ला, बापू जैसी कहाँ आत्मा |
ReplyDeleteआँख मूंद कर पीछे लाखों, आन्दोलन का किन्तु खात्मा |
आशावादी जन गन सारा, लेकिन नेता नहीं भरोसा |
जीना हरदिन कठिन हो रहा, खड़ा झूठ का उच्च आसमाँ ||
सुन्दर रचना....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना भावी पीढ़ी को रास्ता बताने वाली
ReplyDeleteपाठ्यक्रम में सामिल करने योग्य ...बधाई